सावन के व्रत की पूजा विधि

सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इस महीने में व्रत रखना एक प्रमुख परंपरा है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और शिव भक्ति में विशेष रूप से मनाया जाता है। सावन के व्रत के दौरान विशेष पूजा विधि का पालन किया जाता है जो इस प्रकार है:
पूजा विधि
● सुबह उठकर नित्या अह्निक स्नान करें। इससे पहले गंगाजल लेकर अपने मंदिर में जाएं और गंगाजल से मूर्ति और मंदिर को सुखाएं।
● व्रत रखने वाले व्यक्ति को शिवलिंग के सामने बैठकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान ध्यान से भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें और उन्हें अर्पित करें।
● ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
● शिवलिंग पर जल अर्पण करें। इसके लिए गंगाजल, दूध, दही, घी और मधु का उपयोग किया जा सकता है।
● व्रत के दौरान अपनी इच्छा पूरी करने के लिए भगवान शिव की आराधना करें। अपने मन की इच्छा और मांगों को शिव के चरणों में रखें।
● व्रत के दौरान व्रती को तामसिक भोजन जैसे मास ,अंडा,मछी,प्याज,लहसुन त्याग करना चाहिए। व्रतीदूध, फल, साबुत अनाज, दही, मिठाई आदि का सेवन कर सकते हैं।
● व्रत के दौरान अपने मन, वचन और कार्यों को शुद्ध रखें। अनुचित विचारों और कार्यों से बचें और अच्छे कर्मों में जुटे रहें।
● सावन के सोमवार के व्रत का पूरा उपवास रखें। व्रती को एक बार भोजन और एक बार पूजा आदि के लिए उपवास करना चाहिए।

इस प्रकार, सावन के व्रत के दौरान विशेष पूजा विधि का पालन करके व्रती भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और इस विशेष मौके पर अपने मन को शुद्ध और धार्मिक भावनाओं से प्रभावित कर सकते हैं।

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