rahul gandhi

जो राहुल के होते है खास…. क्यों वही हर बार करते है निराश ?

राजनीतिक विश्लेषण

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरुआत मणिपुर से शुरू होगई है। लेकिन इसी बीच कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया अब वो एकनाथ शिंदे के शिव सेना में शमिल होंगे। वह राहुल गांधी करीबी लोगो में गिने जाते थे वो उन युवा नेताओ में शामिल थे जिस में जितिन प्रसाद , आरपीएन सिंह ,ज्योतिरादित्य सिंधिया ,सचिन पॉलेट ये सब राहुल गांधी की कृपा से ही मनमोहन सिंह के कैबिनेट में मंत्री बने थे लेकिन अब सिर्फ सचिन को छोड़ सब जाचुके है और राहुल अकेले पार्टी के संघर्ष करे है।

लोग कहते हैं कि राहुल जब किसी पर भरोसा करते हैं तो पूरा करते हैं लेकिन जब उनको लगता कि उनके इसी भरोसे पर कोई फायदा उठा रहा है या उनके नाम का दुरुपयोग कर रहा है तो वो उसे छोड़ देते हैं। ऐसा कब होता है, ये पता ही नहीं चल पाता। लेकिन कांग्रेस के आम कार्यकर्ता कहते है कि ये सब वंशवाद परम्परा से है इसलिए ये संघर्ष नहीं कर सकते है इन्हे सिर्फ सत्ता चाहिए और जब ये सत्ता मिलती नहीं दिखती है तब ये अपने फायदे को देखते पार्टी बदल लेते है।

क्या कांग्रेस भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के जरिये सत्ता में वापसी कर पाएगी ?

राहुल गांधी एक बार फिर यात्रा पर निकले हैं। पिछली बार राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी। इस बार 8 महीना से हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर की राजधानी इंफाल से मुंबई तक यात्रा निकाल रहे हैं। इसे ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ नाम दिया गया है। 14 जनवरी से शुरू ये यात्रा 20 मार्च तक चलेगी। इस दौरान राहुल गांधी देश के 110 ज़िलों, 100 लोकसभा और 337 विधानसभा सीटों से गुजरते हुए 6700 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेंगे। ऐसे भी सवाल उठा रहा है कि क्या राहुल गांधी की यह यात्रा कांग्रेस की सत्ता में वापसी कर पाएगी?

चुनाव को कितना प्रभावित करेगा ये भारत जोड़ो न्याय यात्रा ?

राजनीतिक पंडितो को आशंका है कि यात्रा की वजह से चुनावी तैयारियां प्रभावित हो सकती हैं। यही वजह है कि सहयोगी दलों के साथ सीटों के बँटवारे की क़वायद को राहुल गांधी की यात्रा से पहले पूरा कर लिया जाए। एक बार राहुल यात्रा पर निकल जाएंगे तो फिर वह बैठकों के लिए दिल्ली नहीं आ पाएंगे। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से कांग्रेस और इंडिया गठबंधन का चुनावी प्रबंधन प्रभावित हो सकता है। कांग्रेस की इंडिया गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे पर बात चल रही है। इसे लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है। गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय पर बेहद अहम बैठक हुई इसमें राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के रूप को भी अंतिम रूप दिया गया और सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर भी गहन चर्चा हुई। राहुल गांधी भी इन बैठकों में शामिल थे।

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