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Anna Mani: भारत में प्रसिद्ध मौसम महिला से विख्यात जानें कौन हैं अन्ना मणि.

आज भारतीय भौतिक विज्ञानी और मौसम विज्ञानी अन्ना मणि (Anna Mani) की 140 वीं जयंती है. गूगल ने इसे दर्शाने के लिए गूगल ने एक विशेष डूडल (Google Doodle) बनाया।

अन्ना मणि ने मौसम संबंधी उपकरण के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मणि ने मौसम का अवलोकन करने वाले उपकरणों के डिजाइन में योगदान दिया था जो देश के मौसम के पहलुओं को मापने और उनका अनुमान लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अन्ना मणि का भारत के मौसम विभाग में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान था।

अन्ना मणि का झुकाव कैसे फिजिक्स की ओर हुआ ?

अन्ना मणि अपने carrier को पहले एक बेहतरीन डांसर रूप बनाना चाहती थी लेकिन परिवार के सलाह पे वो फिजिक्स की तरफ रुझान किया। और इस तरह वो ‘भारत की मौसम महिला’ के नाम से जानी जाने लगी और उनका जन्म 1918 में केरल के एक सीरियाई ईसाई परिवार में हुआ था। उन्होंने फिजिक्स और मौसम विज्ञान के क्षेत्र में कई बहुमूल्य योगदान दिए।अन्ना मणि शोध ने भारत के लिए सटीक मौसम पूर्वानुमान करना संभव बनाया और देश के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने के लिए आधार तैयार किया। अन्ना मणि ने रूबी और हीरे के ऑप्टिकल गुणों पर शोध कर रहे भौतिक विज्ञानी और प्रोफेसर सी वी रमन के साथ भी कार्य करने का मौका मिला ।

अन्ना मणि भारत के अलावा यूएन में भी उनका योगदान है।

अन्ना मणि ने पी पचैयप्पा कॉलेज से 1939 में फिजिक्स और केमेस्ट्री विषय में बीएससी किया था और 1945 में आगे की पढ़ाई के लिए वो लंदन के इंपीरियल कॉलेज में एडमिशन लिया । अपनी शिक्षा को 1948 ख़त्म करके वे लंदन से भारत लौट आईं और लौटने के बाद अन्ना मणि ने पुणे में भारत मौसम विज्ञान विभाग अपनी पहली सर्विस शुरू किया । इससे पहले अन्ना मणि 5 रिसर्च पेपर भी प्रकाशित किए थे । भारत में उन्हें मौसम संबंधी उपकरणों को व्यवस्थित करने की पहली जिम्मेदारी दी गई थी। उनके काम को देखते हुए सरकार ने उन्होंने भारत मौसम विभाग में डिप्टी डायरेक्टर जनरल के रूप मे नियुक्ति दी। और इसके साथ ही वे संयुक्त राष्ट्र विश्व मौसम विज्ञान संगठन में कई प्रमुख पदों पर रहीं।

मौसम विज्ञान के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए अन्ना को 1987 में INSA के. आर. रामनाथन मेडल से सम्मानित किया गया। 2001 में Anna Mani को देश ने भारत की मौसम महिला को खो दिया।

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